इसी के साथ कमरे में एक चमकदार प्रकाश हुआ और तीनों ही एकसाथ हतप्रभ रह गए इसी के साथ कमरे में एक चमकदार प्रकाश हुआ और तीनों ही एकसाथ हतप्रभ रह गए
नही जानती मैं क़्यों आज मैंने ये फ़ैसला ले लिया । अपने ही घर से निकल आई हमेशा के लिए। नही जानती मैं क़्यों आज मैंने ये फ़ैसला ले लिया । अपने ही घर से निकल आई हमेशा के...
वो दर्द से चिल्लाती और विजय उसे तड़पाता। अब रोज़ का यही किस्सा आम हो गया। वो दर्द से चिल्लाती और विजय उसे तड़पाता। अब रोज़ का यही किस्सा आम हो गया।